मंगलवार, 5 मार्च 2013

बस यूँ ही ४

जब से लिखा गरीबी पर , लेखन और चिंतन दोनों में  गरीबी सी छा गयी है |
साहित्यकार तो पुराने गरीब थे अब तो साहित्य में भी गरीबी आ गयी है |

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