हर काव्य शकुंतला नहीं बनता
कुछ किताबों को तो पुस्तकालय भी नही मिलता
कुछ के तो नसीब मे होता है कबाड़ में बिकना
कबाड़ में बिकी हर किताब, लुग्दी नहीं होता
कुछ समय से पहले लिखी
कुछ गलत लोगो को बेची
दोष दोनों तरफ होता है
कुछ किताबों को तो पुस्तकालय भी नही मिलता
कुछ के तो नसीब मे होता है कबाड़ में बिकना
कबाड़ में बिकी हर किताब, लुग्दी नहीं होता
कुछ समय से पहले लिखी
कुछ गलत लोगो को बेची
दोष दोनों तरफ होता है
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