Today is International mother tongue day .... my tribute:
नेह बा तोहरा से कतना, कइसे इ बताई,
घरवा मे अनाज रहे जतना उहे तोहरे के खिआई ए बबुआ
पढ़ लिख के माइ बाबु के भले ना जोहइह,
मगर इ माटी के करजा ना तू भुलइह ए बबुआ
खोजत जा बाडअ, परदेश मे जा तू, उ ता गांव के सीवान बा,
परदेश के बंगला से नीक गांव के खेत आ खलिहान बा ए बबुआ
बोलावत बहिन के राखी गोधन , मातारी कैले हई खर जिउतिआ,
जीव बसेला तोरा मे पूरा परिवार के अब ता कहत बारन बबुआनओ ए बबुआ
गंगा किनारे के इ माटी में अतना जान बा ,
माटी के हाड मास के लोहा बा देबे के बरदान बा ए बबुआ
मकेआ बुट खा के बाबु साहेब कुंवर भईलन,
अस्सी बरस के उमर में अकेले अंग्रेजन के खदेड़लन ए बबुआ
बबुआ अभी ता हमार एकदमे जवान बा
इ माटी के करजा उतरबे तू हमार इ अभिमान बा ए बबुआ
नेह बा तोहरा से कतना, कइसे इ बताई,
घरवा मे अनाज रहे जतना उहे तोहरे के खिआई ए बबुआ
पढ़ लिख के माइ बाबु के भले ना जोहइह,
मगर इ माटी के करजा ना तू भुलइह ए बबुआ
खोजत जा बाडअ, परदेश मे जा तू, उ ता गांव के सीवान बा,
परदेश के बंगला से नीक गांव के खेत आ खलिहान बा ए बबुआ
बोलावत बहिन के राखी गोधन , मातारी कैले हई खर जिउतिआ,
जीव बसेला तोरा मे पूरा परिवार के अब ता कहत बारन बबुआनओ ए बबुआ
गंगा किनारे के इ माटी में अतना जान बा ,
माटी के हाड मास के लोहा बा देबे के बरदान बा ए बबुआ
मकेआ बुट खा के बाबु साहेब कुंवर भईलन,
अस्सी बरस के उमर में अकेले अंग्रेजन के खदेड़लन ए बबुआ
बबुआ अभी ता हमार एकदमे जवान बा
इ माटी के करजा उतरबे तू हमार इ अभिमान बा ए बबुआ
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