Jane Bhi Do Yaaron
जिंदगी कुछ यूँ रही कि मौत बेहतर हो सके, उस मौत के इस इंतज़ार में जीना ही भूल बैठे
मंगलवार, 26 मार्च 2013
बस यूँ ही १७ (होली)
नशा जब जिंदगी का हो तो भांग मदिरा चरस कौन पूछे |
रंगीन गर जिंदगी हो तो गुब्बारे रंग गुलाल को कौन पूछे |
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