शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013

बस यूँ ही २४

चाँद में तो कई दाग है वहां, जहाँ सूरज की रौशनी नहीं पड़ पाती है
आज धरती है बीच में दोनों के, तो दागदार हो कहीं छुप सा गया है

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