बुधवार, 9 जनवरी 2013

मेरी पहली पंक्तियाँ

ये वो पहली  पंक्तियाँ जो मैंने लिखी थी| बात सन 1998 की है| १४ वर्ष से ज्यादा हों गए हैं लेकिन ऐसा लगता है जैसे कल की ही तो बात हो|

"रात भर जागता रहा, सुबह बेचैनी छा गयी,
हाँ  तुम वही हों जो नींद मेरी उड़ा गयी |"

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