शुक्रवार, 7 दिसंबर 2012

मेरी नाम की दूकान


मेरा नाम राम चन्द्र सिंह वल्द दशरथ सिंह शहर अयोध्या जिला फैजाबाद उत्तर प्रदेश|

२० साल पहले लोगो ने मेरी छत छीन ली , कुछ वकील टाइप लोग मेरा केस लड़ते लड़ते राजा बने और राजा का जीवन व्यतीत कर रहे हैं लेकिन मैं अभी भी त्रिपाल में बैठा हूँ , अभी भी सुप्रीम कोर्ट में फैसला अटका है , कभी मेरे पिता जी राजा होते थे , आज कल कोट केस में घर फंसा हुआ है | भाइयो को यह कह के बेदखल कर दिया गया की बाबु जी ने ३ शादी की थी | आई पी सी अधिनियम के तहत यह गैर क़ानूनी है इसलिए बाकी माँ के बेटों का कोई हक नहीं है , मैं चुकी पहली पत्नी का बेटा हूँ इसलिए केस लड़ सकता हूँ | राजवाडा खतम हों गया है , अब लोकतंत्र है सुना है , सब राम राज्य की बात करते है , पता नहीं इनके राम राज में राम को २ गज ज़मीन का टुकड़ा कब मिलेगा , ऐसा प्रतीत होता है के राम नहीं राजा बलि होऊं| मर्यादा पुरुषोतम होना काम आ रहा है , वर्सन ७ ठीक है, नहीं तो वर्सन ८ को कोई  पूछे ही न | खैर देखते हैं कभी तो कोर्ट का फैसला आएगा , नहीं तो लव कुश का क्या होगा , मैंने तो हम दो हमारे दो में भी फिट बैठता  हूँ|

शायद इस बार जगह मिल जाये , अल्लाह रूप में घर से निकाल दिया , राम रूप में भी , सही में कुछ तो हैं जो मेरी भी समझ और सोच से भी ऊपर और परे है, वो मेरा नाम पे दूकान चलाते हैं  और मुझे ही बेचते हैं सस्ते में अपने फायदे के लिए , कभी कभी डर के रूप में कभी आसरे के रूप में |

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