गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

नेह बा तोहरा से कतना, कइसे इ बताई ए बबुआ

Today is International mother tongue day .... my tribute:

नेह बा तोहरा से कतना, कइसे इ बताई,
घरवा मे अनाज रहे जतना उहे तोहरे के खिआई ए बबुआ

पढ़ लिख के माइ बाबु के भले ना जोहइह,
मगर इ माटी के करजा ना तू भुलइह ए बबुआ

खोजत जा बाडअ, परदेश मे जा तू, उ ता गांव के सीवान बा,
परदेश के बंगला से नीक गांव के खेत आ खलिहान बा ए बबुआ

बोलावत बहिन के राखी गोधन , मातारी कैले हई खर जिउतिआ,
जीव बसेला तोरा मे पूरा परिवार के अब ता कहत बारन बबुआनओ ए बबुआ

गंगा किनारे के इ माटी में अतना जान बा ,
माटी के हाड मास के लोहा बा देबे के बरदान बा ए बबुआ

मकेआ बुट खा के बाबु साहेब कुंवर भईलन,
अस्सी बरस के उमर में अकेले अंग्रेजन के खदेड़लन ए बबुआ

बबुआ अभी ता हमार एकदमे जवान बा
इ माटी के करजा उतरबे तू हमार इ अभिमान बा ए बबुआ

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