हम हैं नए भारतीय, बाते करते है पुरानी
ना खोज कुछ नया तो सुनाये आर्यभट की कहानी
बाते करते सृजनता की, एक प्रश्न अगर अटपटा आये तो
देते है धरनाये कॉलेज में, जैसे सिलेबस ही थी हमारी जिंदगानी
जब जवान बनना था तो देश याद ना था,
अब बात बात पर अनशन की डूबे हमारी जवानी और जिंदगानी
भ्रष्टाचार मुक्त समाज चाहिए हमें जैसे बच्चे ढूंढे चाँद की चांदनी
अगर मिल जाये तो क्या हम पचा पायंगे, कितना भी पीके पानी
शायद उत्तर सब जानते हैं लेकिन अब मूसलो से क्या डर,
जानते है दो चोरों में जो पीछे हटा है पहले वही चोर कहलायगा
ना खोज कुछ नया तो सुनाये आर्यभट की कहानी
बाते करते सृजनता की, एक प्रश्न अगर अटपटा आये तो
देते है धरनाये कॉलेज में, जैसे सिलेबस ही थी हमारी जिंदगानी
जब जवान बनना था तो देश याद ना था,
अब बात बात पर अनशन की डूबे हमारी जवानी और जिंदगानी
भ्रष्टाचार मुक्त समाज चाहिए हमें जैसे बच्चे ढूंढे चाँद की चांदनी
अगर मिल जाये तो क्या हम पचा पायंगे, कितना भी पीके पानी
शायद उत्तर सब जानते हैं लेकिन अब मूसलो से क्या डर,
जानते है दो चोरों में जो पीछे हटा है पहले वही चोर कहलायगा
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