कुछ ऐसा हुआ ११ साल पहले कि दुनिया दहल गयी
हमने भी सुना देखा और समझने की भरपूर कोशिश की
वह नजारा वीभत्स था जाने कितने जान निगल गया
सपनो टूटे तो टूटे सैकड़ो परिवारो कि उम्मीद भी ढल गयी
क्यों हुआ अगर ये सोचे तो बेकार है
मानव की मनोविज्ञान में इसका अर्थ ढूंडने का ना कोई सरोकार है
दुविधा में कोई तो पड़ा होगा
हमने भी सुना देखा और समझने की भरपूर कोशिश की
वह नजारा वीभत्स था जाने कितने जान निगल गया
सपनो टूटे तो टूटे सैकड़ो परिवारो कि उम्मीद भी ढल गयी
क्यों हुआ अगर ये सोचे तो बेकार है
मानव की मनोविज्ञान में इसका अर्थ ढूंडने का ना कोई सरोकार है
दुविधा में कोई तो पड़ा होगा
हर्ष हजारो के खून से किसी कों तो प्राप्त हुआ होगा
एक बात तो अच्छा था इस जालिमो का
ना देखा इन्होने जात पात और एथिनिटी मरने वालो का
सबको मारा एक सामान जैसे सब बराबर इंसान
सोचो क्या वो समानता के अधिकार के प्रचारक नही
जाने क्यों ये सफल थे और विफलता हमें मिली
जाने क्यों समझ ना पाए हम और परेशान आम कों किया सालो तक
शायद ये यही चाहते थे जो इन्होने ने पा लिया
शायद हम भी यही चाहते थे जो हमने खो दिया
एक बात तो अच्छा था इस जालिमो का
ना देखा इन्होने जात पात और एथिनिटी मरने वालो का
सबको मारा एक सामान जैसे सब बराबर इंसान
सोचो क्या वो समानता के अधिकार के प्रचारक नही
जाने क्यों ये सफल थे और विफलता हमें मिली
जाने क्यों समझ ना पाए हम और परेशान आम कों किया सालो तक
शायद ये यही चाहते थे जो इन्होने ने पा लिया
शायद हम भी यही चाहते थे जो हमने खो दिया
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