कुछ लिखा, कुछ अनलिखा
कहीं स्याही तो कहीं स्याह
जाने क्या सच, क्या है गढ़ा
आँखे देखें वही जो गया मढ़ा
कभी हम चिल्लाएं, कभी बगल हो जाएँ
और इसका निर्णय भी कोई और कर जाये
#SelectiveRage
कहीं स्याही तो कहीं स्याह
जाने क्या सच, क्या है गढ़ा
आँखे देखें वही जो गया मढ़ा
कभी हम चिल्लाएं, कभी बगल हो जाएँ
और इसका निर्णय भी कोई और कर जाये
#SelectiveRage
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